Dinesh Chandra Panthy

Dinesh Chandra Panthy
A Quest for Wisdom

Sunday, August 30, 2009

स्मारिका (मेरी छोरी)


अबोध बालपन पुष्परञ्जित मुहार
अक्षुण्य प्रेम विश्वासहरुको बहार
अनन्त आनन्द श्रेयको कारिका
अनेक उमङ्ग निश्चलतामा स्मारिका

मनमोहक सुन्दर सुसोभित पालुवा
मनमालिका शशिमुखी मनमन्दिरकी शोभा
मानुसी मृगनयनी दिल हारिका
मृत्युन्जय खुशी कारणहरुमा स्मारिका

चञ्चलता पलपलमा अपुर्व शिल शोभन
चाँदनी रातमा प्रज्वलित दीप मिलन
चीरशान्ति प्रेरणा आनन्दकी द्वारिका
चम्किलो तारा एक ताराहरुमा स्मारिका

सुन्दर बालपन प्रभात झैं कोमल
सुनका बिहानी सरि चेहरा झलमल
शान्त मनोहर सुन्दर पुष्प सरिका
शुशोभित आनन्दित पल्लवित स्मारिका


-दिनेश चन्द्र पन्थी “दीप” (असार १४, २०६६)

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